Random Scribblings
आज कुछ यादें बटोरी। अजीब लगता है न , यादें बटोरना ?
रोजमरा की जिंदगी मैं हम इतने मशरूफ़ हों जाते है की हम यह भूल जाते है , आखिर जिंदगी दी गयी है यादें बटोरने लिए। इसलिए जब कभी कोई हमसे पुछता हैं " और क्या कर रहे हो आज़ कल ?" हम मुस्कुराके बस यही कह देते है , " यादें बटोर रहे है। " उनके आश्चर्यचकित चेहरे देखे लायक होते है।
कोशिश करके देखिएगा कभी। न ना , ऐसे जवाब देके नहीं , बल्कि यादें बटोर कर।
Translation: Today I collected some memories. Feels weird right, to collect memories. In our day to day life we forget the fact , that life is actually a gift to gather some of the most beautiful memories. That is the reason when someone asks me " And what are you upto these days?" I just smile and reply " Gathering memories." The expression on their face is priceless.
Do try it someday. No, not giving this as an answer but to gather some memories.